Friday 12 May 2017

पादप ऊतक (Plant Tissue): प्रमुख 25 तथ्य



पादप ऊतक (Plant Tissue): प्रमुख 25 तथ्य


1.      समान उत्पत्ति, रचना एवं कार्य वाले कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं।
2.      पादप ऊतक को सामान्यतः दो भागों में बांटा जाता हैं- विभाज्योतक ऊतक (Meristematic Tissue) एवं स्थायी ऊतक (Permanent Tissue)
3.      विभाज्योतक ऊतक केवल वृद्धि करने वाले भागों तना एवं जड़ के सिरों तथा कैम्बियम में मिलते हैं और ये विभाजित होकर पौधों के विभिन्न अंगों का निर्माण करते हैं।
4.      विभाज्योतक ऊतक पौधों की लंबाई और मोटाई को बढ़ाते हैं।
5.      विभाज्योतक ऊतक की कोशिकाओं के बीच अंतरकोशिकीय स्थान नहीं पाये जाते हैं।
6.      विभाज्योतक ऊतक की कोशिकाएँ जीवित होती है।
7.      पौधों में स्थिति के आधार पर विभाज्योतक ऊतक तीन प्रकार के होते हैं-
8.      शीर्षस्थ विभाज्योतक ऊतक (Apical Meristem)- ये ऊतक जड़ एवं तनों के शीर्ष पर पाये जाते हैं और इनकी लंबाई में वृद्धि का कार्य करते हैं।
9.      पार्श्व विभाज्योतक ऊतक (Leteral Meristem)- ये ऊतक जड़ एवं तनों के पार्श्व भागों पर पाये जाते हैं और जड़ व तने की मोटाई में वृद्धि का कार्य करते हैं।
10.  अंतर्विष्ट विभाज्योतक ऊतक (Intercalary Meristem)- ये ऊतक पर्व या पत्ती के आधार के पास पाये जाते हैं और पौधे की लंबाई को बढ़ाते हैं। जैसे- घास। 

  
11.  स्थायी ऊतक का निर्माण विभाज्योतक ऊतक से होता है।
12.  स्थायी ऊतक में विभाजन की क्षमता नहीं पायी जाती है।
13.  स्थायी ऊतक की कोशिकाएँ विभिन्न कार्यों को करने के लिए विभेदित होती है।
14.   स्थायी ऊतक के भी दो प्रकार सरल (Simple) एवं जटिल (Complex) ऊतक होते हैं।
15.  वे स्थायी ऊतक जो एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं, सरल स्थायी ऊतक कहलाते हैं।
16.  वे स्थायी ऊतक जो एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं, जटिल स्थायी ऊतक कहलाते हैं।
17.   सरल स्थायी ऊतक मृदूतक (पैरेकायमा), स्थूल कोण (कोलेकायमा) एवं दृढ़ (स्क्लेरेनकायमा) ऊतक तीन प्रकार के होते हैं।
18.  मृदूतक (पैरेकायमा) ऊतक भोजन संचय, दृढ़ता प्रदान करने तथा अकार्बनिक पदार्थ रेज़िन, टैनिन, गोंद आदि को संचय करने का कार्य करते हैं।
19.  स्थूल कोण (कोलेकायमा) ऊतक पौधों को दृढ़ता प्रदान करते हैं।
20.   दृढ़ (स्क्लेरेनकायमा) ऊतक पौधों को दृढ़ता प्रदान करने के साथ शर्करा और मंड का निर्माण करते हैं।
21.  जटिल ऊतक के भी दो प्रकार जाइलम और फ्लोएम होते हैं।
22.  जाइलम चार प्रकार की कोशिकाओं ट्रेकीड्स, वैसल्स, जाइलम पैरेकायमा  तथा जाइलम स्क्लेरेनकायमा से बना होता है।
23.  जाइलम जड़ से पौधों के अन्य भागों तक पानी तथा खनिज़ लवणों को पहुँचाने का कार्य करते हैं।
24.  फ्लोएम चार प्रकार की कोशिकाओं चालनी नलिका, सखी कोशिका, फ्लोएम पैरेकायमा तथा बास्ट फाइबर से बना होता है।  
25.   फ्लोएम का मुख्य कार्य पत्तियों द्वारा बनाए गए भोजन को पौधों के अन्य भागों में पहुँचाना है। यह कार्य चालनी नलिकाओं द्वारा होता है।




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